आज ट्रैक्टर कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है, कई कृषि कार्यों की ट्रैक्टर के बिना कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज ट्रैक्टरों की घरेलू मांग को पूरा करते हुए भारत इस मुकाम पर है जहां दुनिया के 30 प्रतिशत ट्रैक्टर भारत में निर्मित किए गए है और दुनिया भर में ट्रैक्टर भी कर रहा है। भारत में कृषि की अहमता हमेशा ही थी पर एक समय ऐसा था जब ट्रैक्टर का चलन इतना नहीं था, उस समय भारत ट्रैक्टर आयात करता था।
तो आइए जानते भारत के इसी आयात से निर्यात तक के सफर को।
भारत में ट्रैक्टर का सफर:-
आजादी के पहले और आज़ादी के कुछ दिन बाद तक भी भारत में ट्रैक्टर केवल बड़े राज घराने और जागीरदारों तक ही सीमित रहा, उस समय भारत में ट्रैक्टर निर्माण नहीं होता था मुख्य रूप से रूस से ट्रैक्टर का आयात होता था।

लेकिन भारत में हरित क्रांति के साथ कई ट्रैक्टर कंपनियां अाई और ट्रैक्टर उद्योग बड़ी तेजी बढ़ने लगा, विदेशी सहयोग से ट्रैक्टर विनिर्माण भारत में 50 और 60 के दशक में होने लगा था।
इसके बाद ट्रैक्टर ने भारत 80 के दशक में ट्रैक्टर उद्योग में बड़े बदलाव आए और दशक के अंत 1,40,000 यूनिट प्रति वर्ष का उत्पादन भारत में होने लगा। 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद, ट्रैक्टर उत्पादन की गति तेज हुई और 1990 के दशक के अंत तक उत्पादन 2,70,000 यूनिट प्रति वर्ष यूनिट तक पहुंच गया। 2000 के बाद नई सदी में प्रवेश करते हुए भारत ने ट्रैक्टर उत्पादन में अमरीका को पीछे छोड़ दिया और लगातार बढ़ते हुए आज के मकाम पर पहुंच गया।
ट्रैक्टर के सफर में मील के पत्थर:-
- भारत में ट्रैक्टर उद्योग की आज की बड़ी कंपनियां आयशर, टेफे, एस्कॉर्ट्स और महिन्द्रा 60 के दशक में अाई थी। इस समय तक हरित क्रांति के चलते सरकारें भी कृषि के मशीनीकरण में सहयोग करते हुए विदेशी ट्रैक्टर निर्माताओं को अधिक अवसर प्रदान करने लगी थी।

- 60 तक भी भारत में यूएसएसआर से ही ज्यादातर ट्रैक्टर इंपोर्ट होते है पर 1972 में सरकारी ट्रैक्टर विनिर्माण कंपनी एचएमटी ने मोटोकोव से साझेदारी कर ज़ेक्टर 2511 एचएमटी के नाम से भारत में ही बनाना प्रारंभ किया और ट्रैक्टर उद्योग की वृद्धि में मजबूत कदम आगे बड़ाए।
उसी समय 1971 से एस्कॉर्ट्स ने भी फोर्ड ट्रैक्टर का निर्माण भारत में शुरू कर दिया था।

- 1980 के दशक में 5 नए ट्रैक्टर निर्माता कंपनियां उद्योग में शामिल हुई, जिनमे हरियाणा ट्रैक्टर और पंजाब ट्रैक्टर जैसे राज्यों के कंपनियां भी शामिल थी। इसी दशक में आज की नंबर 1 ट्रैक्टर कंपनी महिन्द्रा ने पहली बार इस मुकाम को हासिल किया था।
- 90 के दशक का अंत भी भारत में ट्रैक्टर उद्योग के लिए महत्वपूर्ण इसमें नई कंपनियां अाई, कुछ कंपनियां का विलय दूसरी कंपनियों ने हो गया और आज जो ट्रैक्टर बाज़ार का आकार है उसका सांचा ढाला गया।